चांदनिया - The Indic Lyrics Database

चांदनिया

गीतकार - अमिताभ भट्टाचार्या | गायक - मोहन कानन, यशिता शर्मा | संगीत - शंकर-एहसान-लॉय | फ़िल्म - 2 स्टेट्स | वर्ष - 2014

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तुझ बिन सूरज में आग नहीं रे
तुझ बिन कोयल में राग नहीं रे
चंदनिया तो बरसे
फिर क्यूँ मेरे हाथ अँधेरे लगदे ने

हाँ तुझ बिन फागुन में फाग नहीं रे
हाँ तुझ बिन जागे भी जाग नहीं रे
तेरे बिना ओ माहिया
दिन दरिया, रैन जज़ीरे लगदे ने
अधूरी-अधूरी-अधूरी कहानी
अधूरा अलविदा
यूँही यूँही रैना जाए अधूरे सदा
अधूरी-अधूरी-अधूरी कहानी
अधूरा अलविदा

यूँही यूँही रैना जाए अधूरे सदाओ चंदनिया तो बरसे
फिर क्यूँ मेरे हाथ अँधेरे लगदे ने
केडी तेरी नाराज़गी
गाल सुन ले राज़ की
जिस्म ये क्या है खोखली सीपी
रूह दा मोती है तू
गरज़ हो जितनी तेरी
बदले में जिंदड़ी मेरी
मेरे सारे बिखरे सुरों से
गीत पिरोती है तू
ओ माहिया तेरे सितम, तेरे करम
दोनों लुटेरे लगदे ने

तुझ बिन सूरज में आग नहीं रे
तुझ बिन कोयल में राग नहीं रे
चांदनियां तो बरसे
फिर क्यूँ मेरे हाथ अँधेरे लगदे ने

अधूरी-अधूरी-अधूरी कहानी
अधूरा अलविदा
यूँही यूँही रैना जाए अधूरे सदा
अधूरी-अधूरी-अधूरी कहानी
अधूरा अलविदा

यूँही यूँही रैना जाए अधूरे सदाना ना ना…
फिर क्यूँ मेरे हाथ अधेरे लगदे ने
तेरे बिना
ओ माहिया
दिन दरिया, रैन जज़ीरे लगदे ने