ये कैसी उलझनें हैं छुए तुम्हे कैसे पिया - The Indic Lyrics Database

ये कैसी उलझनें हैं छुए तुम्हे कैसे पिया

गीतकार - दीपक बजाज | गायक - हरिहरन - रिमी धर | संगीत - दीपक बजाज | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

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ये कैसी उलझनें हैं छुए तुम्हे कैसे पिया
थर थर काँपे है बदन मोरा जलता है क्यों ऐसे जिया
रात दिन तक यादों में तेरी जिया जले मोरे पिया
रात बेचैन दिन है तनहा कैसा है प्यार ये पिया
सिमटी सी हुई हाँ हुई शरमाई सी हाँ हुई
सिमटी सी हुई शरमाई सी देखी तेरी जब अदा
बेकाबू सी है हर घड़ी क्या करूँ तू ये बता
तेरी मेरी दो दिलों की है अजब ये दास्तां
हम मिलेंगे हाँ मिलेंगे हर जन्म में साथ साथ
सही ना जाए अब ये दूरी हसरतें हैं अधूरी
रात बेचैन दिन है तनहा ऐसा है प्यार क्यों पिया