चेहरा कँवल है आपका आँखों में है शराब - The Indic Lyrics Database

चेहरा कँवल है आपका आँखों में है शराब

गीतकार - सुरेंद्र साथी | गायक - सुरेश वाडेकर | संगीत - नदीम-श्रवण | फ़िल्म - मैंने जीना सीख लिया | वर्ष - 1982

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चेहरा कँवल है आपका आँखों में है शराब
सारे जहां आपका कोई नहीं जवाब
ये हुस्न और शबाब का दरिया लिए हुए
दामन में मेरे प्यार की दुनिया लिए हुए
दिल लेके यूँ ना जाइए, ना जाइए जनाब
छू के बदन को आप के कलियाँ हुई जवान
गुलशन में शाख़ शाख़ पे लिखी है दास्तान
भँवरों ने देखा आप को नियत हुई ख़राब
होंठों का सुर्ख़ रंग ये सांसों में घुल गया
पलकें उठाई आपने मयखाना खुल गया
मदहोश कर दो साक़िया पी लूँ मैं बेहिसाब