आई सावन की रुत हमार दगामग दोले जिया - The Indic Lyrics Database

आई सावन की रुत हमार दगामग दोले जिया

गीतकार - | गायक - सहगान, शमशाद बेगम | संगीत - नीनू मजूमदार | फ़िल्म - गोपीनाथ | वर्ष - 1948

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श: आई सावन की रुत हमार डगमग डोले जिया
आवो जी आवो जी पिया सुन तो लो कछु बोले जिया
को: आवो जी आवो जी पिया सुन तो लो कछु बोले जिया
श: आई सावन की रुत हमार डगमग डोले जिया
को: आवो जी आवो जी पिया सुन तो लो कछु बोले जियाश: लड़ी हैं जबसे आँखें तुमसे मेरा दिल हाय धड़कता है -२
को: हो मेरा दिल हाय धड़कता है
श: तड़पता है सिसकता है वो ठण्डी आह भरता है -२
को: वो ठण्डी आह भरता है
श: बिचारा इश्क़ का मारा दिल-ए-बीमार कहता है
को: दिल-ए-बीमार कहता है -२
श: भला किस बात पे ज़ालिम तुमको यूँ घायल कियाको: आवो जी आवो जी पिया सुन तो लो कछु बोले जिया
श: आई सावन की रुत हमार डगमग डोले जिया
को: आवो जी आवो जी पिया सुन तो लो कछु बोले जियाश: अजी यूँ बेरहम बन कर न तरसाओ इधर आओ
को: न तरसाओ इधर आओ -२
श: कसम तुमको तुम्हारे हुस्न की बरबाद कर जाओ
को: हमें बरबाद कर जाओ -२
श: भले क्या काम कर बैठे हैं आ कर क़त्ल कर जाओ
को: कि आ कर क़त्ल कर जाओ
श: कि ज़िंदा किस लिये छोड़ा है कि जब दिल लूट लीयाको: आवो जी आवो जी पिया सुन तो लो कछु बोले जिया
श: आई सावन की रुत हमार डगमग डोले जिया
को: आवो जी आवो जी पिया सुन तो लो कछु बोले जिया