किसी दििपक की धुन में बेचारा - The Indic Lyrics Database

किसी दििपक की धुन में बेचारा

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - शमशाद बेगम | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - डोलि | वर्ष - 1947

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( किसी दीपक की धुन में बिचारा
जलता है पतंगा प्यारा ) -२( आ तुझको बहना रस्ता दिखा दे
हो
रस्ते में लाखों दीपक जला दे ) -२
ये चाँद-तारे लाकर बिछा दे -२
( जान गई जान गई भेद सारा
जलता है पतंगा प्यारा ) -२किसी दीपक की धुन में बिचारा
जलता है पतंगा प्यारा( इसके सिवा कुछ नहीं मेरे बस में
हो
दो-चार में क्या कर दूँ मैं बस में ) -२
बहना वारी पाती क्यूँ बस में -२
दिखला दूँ मैं दीप-बत्ती आरा
हाय राम
दिखला दूँ मैं दीप-बत्ती आराजलता है पतंगा प्याराकिसी दीपक की धुन में बिचारा
जलता है पतंगा प्यारा( आ तुझको बहना रस्ता दिखा दे
हो
रस्ते में लाखों दीपक जला दे ) -२
ये चाँद-तारे लाकर बिछा दे -२
( जान गई जान गई भेद सारा
जलता है पतंगा प्यारा ) -२किसी दीपक की धुन में बिचारा
जलता है पतंगा प्यारा