ये जब से हुई जिया की चोरी - The Indic Lyrics Database

ये जब से हुई जिया की चोरी

गीतकार - योगेश | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सलील चौधरी | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

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ये जब से हुई जिया की चोरी
पतंग सा उडे ये मन जो है तेरे हाथों में डोरी
पडी जो मेरे तन पे, ये सूने जीवन पे
सलोने तेरी धूप
निखर गई मैं तो, संवर गया देखो ये मेरा रूप
कहे मोसे दर्पण हो गयी तू नई
क्या जादू किया तैने
बाँधा जो तुझे मैंने ये आँचल से
झूमे रे मन मेरा लिखा है नाम तेरा जो काजल से
जिधर अब मैं देखूँ बस दिखे रे तू ही