ये हवा, ये नदी का किनारा - The Indic Lyrics Database

ये हवा, ये नदी का किनारा

गीतकार - योगेश | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - रवी | फ़िल्म - उस-पार | वर्ष - 1974

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ये हवा, ये नदी का किनारा, चाँद तारों का रंगीन इशारा
कह रहा है बेख़बर, हो सके तो प्यार कर
ये समा मिलेगा फिर ना दोबारा
ये रात ढलने ना पाये, आने ना पाये सवेरा
तू भी उठा लंबी पलकें, जुल्फों को मैने बिखेरा
यूँ ही चंदा तले, मेरी नैय्या चले, तेरी बाहों का लेके सहारा
ऐसे मिले आज सैय्या, तेरी नज़र मेरी आँखें
धड़कन मेरी तेरा दिल हो, लब हो मेरे तेरी बातें
डरे काहे को दिल, सजना खुल के मिल, क्या करेगा जमाना हमारा
डरे काहे को दिल, गोरी आ खुल के मिल, क्या करेगा जमाना हमारा