चेहरा है या चाँद खिला है - The Indic Lyrics Database

चेहरा है या चाँद खिला है

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - किशोर कुमार | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - सागर | वर्ष - 1985

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चेहरा है या चाँद खिला है, जुल्फ घनेरी शाम है क्या
सागर जैसी आँखोंवाली ये तो बता तेरा नाम है क्या?
तू क्या जाने तेरी खातिर कितना है बेताब ये दिल
तू क्या जाने देख रहा है कैसे कैसे ख्वाब ये दिल
दिल कहता है, तू है यहाँ तो जाता लम्हा थम जाये
वक्त का दरिया बहते बहते इस मंज़र में जम जाये
तू ने दीवाना दिल को बनाया, इस दिल पर इल्ज़ाम है क्या
आज मैं तुझ से दूर सही और तू मुझ से अन्जान सही
तेरा साथ नहीं पाऊँ तो खैर तेरा अरमान सही
ये अरमान है, शोर नहीं हो खामोशी के मेले हो
इस दुनिया में कोई नहीं हो, हम दोनो ही अकेले हो
तेरे सपने देख रहा हूँ, और मेरा अब काम है क्या