ये हौसला कैसे झुके - The Indic Lyrics Database

ये हौसला कैसे झुके

गीतकार - Nil | गायक - तलत महमूद | संगीत - सज्जाद | फ़िल्म - संगदिल | वर्ष - 1952

View in Roman

ये हौसला कैसे झुके
ये आरज़ू कैसे रुके
मंज़िल मुश्किल तो क्या
धुन्दला साहिल तो क्या
तनहा ये दिल तो क्या...
राह पे काँटे बिखरे अगर
उसपे तो फिर भी चलना ही है
शाम छुपा ले सूरज मगर
रात को एक दिन ढलना ही है
रुत ये टल जाएगी
हिम्मत रंग लाएगी
सुबह फिर आएगी
होगी हमें जो रहमत अदा
धूप कटेगी साये तले
अपनी ख़ुदा से है ये दुआ
मंज़िल लगा ले हमको गले
जुर्रत सौ बार रहे
ऊँचा इक़रार रहे
ज़िंदा हर प्यार रहे
रिश्ते भरोसे चाहत यकीं
उन सबका दामन अब चाक़ है
समझे थे हाथों में है ज़मीन
मुठ्ठी जो खोली बस ख़ाक है
दिल में ये शोर है क्यों
ईमाँ कमज़ोर है क्यों
नाज़ुक ये डोर है क्यों