रोज़ शाम आति थी मगर ऐसी ना थि - The Indic Lyrics Database

रोज़ शाम आति थी मगर ऐसी ना थि

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - इम्तिहान | वर्ष - 1974

View in Roman

रोज़ शाम आती थी मगर ऐसी न थी
रोज़ रोज़ घटा छाती थी मगर ऐसी न थी
ये आज मेरी ज़िन्दगी में कौन आ गया
रोज़ शाम आती थी ...डाली में ये किसका हाथ करें इशारे बुलाए मुझे
झूमती चंचल हवा छूके तन गुदगुदाए मुझे
हौले हौले धीरे धीरे कोई गीत मुझको सुनाए
प्रीत मन में जगाए
खुली आँख सपने दिखाए
दिखाए दिखाए दिखाए
खुली आँख सपने दिखाए
ये आज मेरी ज़िन्दगी में कौन आ गया ...अरमानोन का रंग है जहाँ पलकें उठाती हूँ मैं
हँस हँसके है देखती जो भी मूरत बनाती हूँ मैं
जैसे कोई मोहे छेड़े दिल खो और भी जाती हूँ मैं
जगमगाती हूँ मैन
दीवानी हुई जाती हूँ मैं
दीवानी दीवानी दीवानी
दीवानी हुई जाती हूँ मैं
ये आज मेरी ज़िन्दगी में कौन आ गया ...