घनचक्कर बाबू - The Indic Lyrics Database

घनचक्कर बाबू

गीतकार - अमिताभ भट्टाचार्या | गायक - अमित त्रिवेदी | संगीत - अमित त्रिवेदी | फ़िल्म - घनचक्कर | वर्ष - 2013

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ओए ओए ओए ओए धापी
ओए ओए ओए ओए झप्पी
ओए ओए ओए ओए पप्पी
उम्म मुअह्ह्ह…

सुन ओए घनचक्कर बाबु
तेरे चक्कर है बेकाबू
हुआ भेजा तालके साबू दाना रे

करता अपने मन की
भुख बड़ी है धन की
सबने तुझको सनकी माना रे

ओह लुटिया, ओह खटिया, ओह लुंगी
कोंनटीनिअस ठुक्काम्म पट्टी
ओह घनचक्कर सुन ले
चाल के स्वेटर बुन ले
शक्कर बदले गूढ़ ले जाना रे

सर भूतों की मटकी
छत पे उलटी लटकी
ताल पे मारे चुटकी
शाना रे
लफड़ा झगडा सुमड़ी
स्पोनटेनिउस झोलम पट्टी

वाह रे वाह वाह रे वाह
तुझमे भरके ये शैतानी बुद्धी
तौबा कहके शैतानों ने भी
करवा ली नसबंदी
हे..

तुझको क्या पकड़ेगा भैया
दारोगा कोई थाने का
तूने करदी है fbi की भी
निकर गन्दी

बैंक हो या लाकर
बाप का तेरे नौकर
खड़ा है खुल्ला होकर आना रे
मंतर तेरे हटके
सुर से थोडा भटके
आया है जो रटके गाना रे

ये तबला ये तुम्बा ये पुंगी
कांटीनिओस ठुक्कम पट्टी

ये शाना है शाना है
उड़ती चिड़िया की पर गिन लेता है
आ आ ई के बदले इसने सिखा अल्फा बीटा
सबके कलर के भैया इल्ज़ामों का कीचड़ उछला
इसके मुह पे ना आया गलती से भी सिंगल छिंटा

बात है ये अंदर की
साजिश के दफ़्तर की
दाल है मुर्गी घर की खाना रे

आँख जो दाई फडकी
चाहत उतनी भड़की
दूर भगाए कडकी आना रे

ए छमिया ए रमिया ओ गुटली
स्पोंटेनिउस झोलम पट्टी..