जबसे देखा है तेरे हाथ का चांद - The Indic Lyrics Database

जबसे देखा है तेरे हाथ का चांद

गीतकार - समीर | गायक - अलका याज्ञनिक, बाबुल सुप्रियो | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - मुझे कुछ कहना है | वर्ष - 2001

View in Roman

जब से देखा है तेरे हाथ का चाँद
मैने देखा नहीं रात का चाँद
दिल मेरा खो गया बेखबर हो गया
ऐसा था पहली मुलाकात का चाँद
हो जब से देखा है ...हूँ खुली खिड़की से हवा जो आए
तेरे आँचल की वो खुश्बू लाए
चलाया जादू ये तू ने कैसा
कि हाल है मेरा दीवानों जैसा
आसमां झुक गया पल वहीं रुक गया
कोई आहट हुई तो धड़कने लगा दिल मेरा
हो जब से देखा है ...हो हमेशा मुझ को तेरी याद आई
तुझे ही चाहे मेरी तनहाई
तुझे मैं सोचूँ अकेलेपन में
तेरी धड़कन है मेरी धड़कन में
रात भर जागती ये दुआ माँगती
मेरे महबूब जळी से अब सामना हो तेरा
ओह ओह जब से देखा है ...जब से देखा है तेरे हाथ का चाँद
मैने देखा नहीं रात का चाँद
दिल मेरा खो गया बेखबर हो गया
ऐसा था पहली मुलाकात का चाँद
हो जब से देखा है ...हो नज़र में तू है जिगर में तू है
दुआ में तू है असर में तू है
मेरे सीने में धड़कता है तू
मेरी साँसों में महकता है तू
वक़्त है शबनमी बस तेरी है कमी
मेरी आहों में बाहों में रहता दिवाना मेरा
हो जब से देखा है ...हो हमेशा मुझ को तेरी याद आई
तुझे ही चाहे मेरी तनहाई
तुझे मैं सोचूँ अकेलेपन में
तेरी धड़कन है मेरी धड़कन में
रात भर जागती ये दुआ माँगती
मेरे महबूब जळी से अब सामना हो तेरा
ओह ओह जब से देखा है ...