मैंने देखी जग की रीत मीत सब झुठे पद गे - The Indic Lyrics Database

मैंने देखी जग की रीत मीत सब झुठे पद गे

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - मुकेश, शमशाद बेगम | संगीत - ज्ञान दत्त | फ़िल्म - दूसरी शादी | वर्ष - 1949

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मैं ने देखी जग की रीत मीत सब झूठे पड़ गये
ओ, मेरे बालाम इतना दोश कि तुम संग नैना लड़ गये
मीत सब झूठे पड़ गये ...रसिया सताये हमें जब जान-जान के
बड़ा दुःख पाया मैं ने दिल का कहा मान के
तोरी मोरी प्रीत पुरानी रे
बालम काहे को बिगड़ गये
मीत सब झूठे पड़ गये ...एक दिल, दुःख हैं ज़माने भर के
हाय रे ज़माने भर के
हम तो भरोसे रे रसिया बस हैं तुम्हारे कर के
मेरे भोले दिल पे सजन क्या जादू कर गये
मीत सब झूठे पड़ गये ...