अखियां मिलाऊँ कभी अखियां चुराऊँ - The Indic Lyrics Database

अखियां मिलाऊँ कभी अखियां चुराऊँ

गीतकार - समीर | गायक - अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | संगीत - नदीम, श्रवण | फ़िल्म - राजा: | वर्ष - 1995

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अखियां मिलाऊं कभी अखियां चुराऊं क्या तूने किया जादू
कभी घबराऊं कभी गले लग जाऊं मेरा खुद पे नहीं क़ाबू
बिना पायल के ही बजे घुंघरूअखियां मिलाए कभी अखियां चुराए क्या मैने किया जादू
कभी घबराए कभी गले लग जाए तेरा खुद पे नहीं क़ाबू
बिना पायल के ही बजे घुंघरूऐसे तो दीवाने मुझे प्यार न कर आती है शरम दीदार न कर
चैन चुरा के तकरार न कर तुझको कसम इन्कार न कर
तेरे अरमानों में संवर गई मैं
तूने मुझे देखा तो निखर गई मैं
अखियां मिलाऊं कभी ...मेरी जान-ए-जानां क्या चीज़ है तू
मुझको तो जां से अज़ीज़ है तू
इतनी न कर तारीफ़ मेरी
जानूं मैं तो जानूं चाहत क्या तेरी
तेरी उल्फ़त का नशा छा गया
कुछ भी हो जान-ए-जां मज़ा आ गया
धीरे धीरे दुनिया से दूर हुई
इश्क़ में तेरे मैं तो चूर हुई
अखियां मिलाऊं कभी ...