गीतकार - | गायक - अमीरबाई कर्नाटकी | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - शहनाई | वर्ष - 1947
View in Romanहमें क्या पता था कि दिल की कली
को मसल देंगे वो
हमें क्या पता था
कि राहत को ग़म में बदल देंगे वो
मुहब्बत के वादे और टूटी ताक़त में
किसी और के हो के चले देंगे वोमारी कटारी मर जाना
कि अखियाँ किसी से मिलाना न
खा के ज़हर मर जाने
कि मन में किसी को बसाना नहाय दुनिया की कोई भी चीज़ अब भाती नहीं
चैन अब आता नहीं है नींद अब आती नहीं
जि को आना था न आये जाने वाले जा चुके
हाय!
दिल को जाना था गया पर जान क्यों जाती नहीं
पीछे पड़े है पछतना
तू अपना किसी को बनाना नमारी कटारि मर जाना ...