गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा - The Indic Lyrics Database

गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा

गीतकार - रवींद्र जैन | गायक - येसुदास | संगीत - रवींद्र जैन | फ़िल्म - चितचोर | वर्ष - 1976

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गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा
मैं तो गया मारा
आ के यहाँ रे
उसपर रूप तेरा सादा
चन्द्रमा जूँ आधा
आधा जवाँ रे

गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा
मैं तो गया मारा
आ के यहाँ रे
आ के यहाँ रे

जी करता है मोर के पैरों में
पायलिया पहना दूँ
कुहू-कुहू गाती कोयलिया को
फूलों का गहना दूँ
यहीं घर अपना बनाने को
पंछी करे देखो
तिनके जमा रे, तिनके जमा रे

गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा
मैं तो गया मारा
आ के यहाँ रे
आ के यहाँ रे

रंग बिरंगे फूल खिले हैं
लोग भी फूलों जैसे
आ जाए इक बार यहाँ जो
जायेगा फिर कैसे
झर झर झरते हुए झरने
मन को लगे हरने
ऐसा कहाँ रे, ऐसा कहाँ रे

उसपर रूप तेरा सादा
चन्द्रमा जूँ आधा
आधा जवाँ रे
आधा जवाँ रे

परदेसी अन्जान को ऐसे
कोई नहीं अपनाता
तुम लोगों से जुड़ गया जैसे
जनम-जनम का नाता
अपनी धुन में मगन डोले
लोग यहाँ बोले
दिल की ज़बाँ रे, दिल की ज़बाँ रे

गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा
मैं तो गया मारा
आ के यहाँ रे
उसपर रूप तेरा सादा
चन्द्रमा जूँ आधा
आधा जवाँ रे

उम्म.. ओ.. हो.. हो..