आजकल शौक़-ए-दीदार है - The Indic Lyrics Database

आजकल शौक़-ए-दीदार है

गीतकार - शकील | गायक - रफ़ी, आशा | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - लीडर | वर्ष - 1964

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आजकल शौक़-ए-दीदार है
क्या कहूँ आपसे प्यार है
आजकल शौक़-ए-दीदार है
( क्या कहूँ ) आपसे प्यार है
मेरी जानिब से इन्कार है
मेरी जानिब से इन्कार इन्कार है
क्या करूँ मैं अगर प्यार है
( क्या करूँ ) मैं अगर प्यार है
प्यार वो चीज़ है जिससे ओ नाज़नीं
पहले इन्कार करते हैं सारे हसीं
फिर कहते हैं इकरार है
फिर ये कहते हैं इकरार इकरार है
क्या कहूँ आपसे ...
छोटा मुँह और बड़ी बात मत भूलिए
देखिए अपनी औक़ात मत भूलिए
किस्सा-ए-इश्क़ बेकार है
किस्सा-ए-इश्क़ बेकार बेकार है
क्या करूँ मैं अगर ...
आपकी हर अदा पर मैं क़ुर्बान हूँ
कुछ तरस खाइए मैं भी इन्सान हूँ
किसलिए मुझसे तकरार है
किसलिए मुझसे तकरार तकरार है
क्या कहूँ आपसे ...
सुन सकेंगे न हम आपकी इल्तिजा
जा के दीजिए किसी और दर पे सदा
यहाँ दिल है न दिलदार है
यहाँ दिल है न दिलदार दिलदार है
क्या करूँ मैं अगर ...
जान-ए-मन अब तो मिलने का वादा करो
हम नहीं जानते तुम जियो या मरो
गुफ़्तगू का ये कोई तरीका नहीं
और तुमको भी कोई सलीका नहीं
मेरी उल्फ़त की insult यूँ न करो
you shut-up
you shut-up
you shut-up. Idiot अपना रास्ता चलो
यूँ ना तड़पाओ आशिक़ को देखो hello, hello