आजकल हमसे रूठे हुए हैं सनम - The Indic Lyrics Database

आजकल हमसे रूठे हुए हैं सनम

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - रफी | संगीत - कल्याणजी-आनंदजी | फ़िल्म - आमने सामने | वर्ष - 1967

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आजकल हमसे रूठे हुए हैं सनम
प्यार में हो रहे हैं सितम पे सितम
लेकिन ख़ुदा की क़सम होंगे जिस रोज़ हम आमने-सामने
सारे शिक़वे गिले दूर हो जाएँगे
आजकल हमसे रूठे
उनके हर नाज़ की हमने तारीफ़ की
शुक्रिया भी न कहने की तक़लीफ़ की
हमने देखा तो परदे में वो छुप गए
क्या पता था वो मग़रूर हो जाएँगे
आजकल हमसे रूठे
हमको अपनी निगाहों पे है ऐतबार
एक दिन उनको कर देंगे हम बेक़रार
जिस तरह हम मुहब्बत में मजबूर हैं
इस तरह वो भी मजबूर हो जाएँगे
आजकल हमसे रूठे