खामोशी थी मच गया शोर - The Indic Lyrics Database

खामोशी थी मच गया शोर

गीतकार - समीर | गायक - अलका याज्ञनिक | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - प्लैटफ़ॉर्म | वर्ष - 1993

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खामोशी थी मच गया शोर
आया आया मेरे दिल का चोर
वो तुम नहीं वो तुम नहीं वो तो है कोई और
खामोशी थी मच गया ...मैं भला क्या करूं वो सुने न मेरी दास्तां
बेरहम बेखबर है उसे क्या खबर
उसपे तो मेरा न चले जान-ए-मन कोई ज़ोर
खामोशी थी मच गया ...मैं यहां तो कहां ढूंढती है उसी को नज़र
छोड़े ना बेरुखी मेरा जान-ए-जां मेरा दर्द-ए-जिगर
हुस्न की ये अदा देख न दिलरुबा
न जुड़े दिल के अरमानों से चाहत की डोर
खामोशी थी मच गया ...