दिल शाद था मुजे तेरी मोहब्बत कास - The Indic Lyrics Database

दिल शाद था मुजे तेरी मोहब्बत कास

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - आप आए बहार आई | वर्ष - 1971

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र : दिल शाद था के फूल खिलेंगे बहार में
मारा गया ग़रीब इसी ऐतबार मेंल : मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता -२
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
र : मुझे तेरी मोहब्बत ...ल : न था मंज़ूर क़िस्मत को न थी मर्ज़ी बहारों की
( नहीं तो इस गुलिस्ताँ में ) -२ कमी थी क्या नज़ारों की
मेरी नज़रों को भी कोई नज़ारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं ...
र : मुझे तेरी मोहब्बत ...र : ख़ुशी से अपनी आँखों को मैं अश्क़ों से भिगो लेता
( मेरे बदले तू हँस लेती ) -२ तेरे बदले मैं रो लेता
मुझे ऐ काश तेरा दर्द सारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं ...
ल : मुझे तेरी मोहब्बत ...मिली है चाँदनी जिनको ये उनकी अपनी क़िस्मत है
( मुझे अपने मुक़द्दर से ) -२ फ़क़त इतनी शिकायत है
मुझे टूटा हुआ कोई सितारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं ...
र : मुझे तेरी मोहब्बत ...