रहिये अब ऐसी जगह चल कर जहाँ - The Indic Lyrics Database

रहिये अब ऐसी जगह चल कर जहाँ

गीतकार - मिर्जा गालिब | गायक - सुरैया | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - मिर्जा गालिब | वर्ष - 1954

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रहिये अब ऐसी जगह चल कर जहाँ कोई न हो
हमसुख़न कोई न हो और हमज़बाँ कोई न हो
रहिये अब ऐसी जगह
बे-दर-ओ-दीवार का इक घर बनाया चाहिये
कोई हमसाया न हो और पासबाँ कोई न हो
रहिये अब ऐसी जगह
पड़िये गर बीमार तो कोई न हो तीमारदार
और अगर मर जाइये तो नौहख़्वाँ कोई न हो
रहिये अब ऐसी जगह$