आजा के बुलाते हैं - The Indic Lyrics Database

आजा के बुलाते हैं

गीतकार - खावर जमान | गायक - तलत महमूद | संगीत - फकीर मोहम्मद असर जिमी | फ़िल्म - पठान | वर्ष - 1962

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आजा के बुलाते हैं तुझे अश्क हमारे
आजा के बुलाते हैं
चुप चाप निगाहों ने तुम्हें प्यार क्या था
इस दिल ने मुहब्बत क जो इक़रार क्या था
कटते हैं मेरे दिन उन्हीं यादों के सहारे
याद आते हैं वो दिन जो तेरे साथ गुज़ारे
आजा के बुलाते हैं...
होंठों पे मचलने के लिए गीत नहीं है
अब हार है जीवन में कोई जीत नहीं है
हम प्यार की बाज़ी कभी जीते कभी हारे
याद आते हैं वो दिन जो तेरे साथ गुज़ारे
आजा के बुलाते हैं ...
जिस नदिया पे कटती थी हर इक शाम सुहानी
जिस नदिया पे हँसती थी कभी आ के जवानी
रोता है मेरा दिल उसी नदिया के किनारे
याद आते हैं वो दिन जो तेरे साथ गुज़ारे
आजा के बुलाते हैं