पहली नज़र में डारी थी थैंक्स बाबू - The Indic Lyrics Database

पहली नज़र में डारी थी थैंक्स बाबू

गीतकार - मकरंद देशपांडे | गायक - सुनिधि चौहान, मोहित चौहान | संगीत - संदेश शांडिल्य | फ़िल्म - रोड | वर्ष - 2002

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पहली नज़र में डरी थी
दूसरी में भी डर गई रे
सिसकी में जो साँस भरी थीइ
शक़ से मुझ को भर गई रे
दिखाई वो पिस्तौल किये थे जिस ने टुकड़े मेरे
मर मर के जिया था सदमों ने डाले थे घेरे
भर गई इस की आँखें सुन के
आँख मिचौली हो गई रे
Thanksबाबू बाबू Thanks
Thanksजो बोली Thanksतो बाबू को बेकाबू कर गई रेआशिक़ था मैं पैसों का
असली नकली चेहरों का
खून भरे धब्बों का
भूतों के शहरों का
रंग के नरक का
उलटे सुलटे फ़ैसलों का
बाबू कहाँ है तू
वो वो वो ले जा रहा है मुझे
बाबू निकल जा न तू
छुड़ा न तू मेरे दिल का है फ़साना तू
Roadपे लिखना हमारे प्यार का अफ़साना रे
पहली नज़र में ...दुश्मन था मैं अपनों का
दुश्मन था सपनों का
दुश्मन था सूरज का
दुश्मन था खुशियों का
ना दर नहीं ना घर नहीं
दुःख दर्द का राही था
बाबू कसम है तुझ को देख तू ही है मेरा मर्द
तू है जहाँ वो ही मेरा सारा जहाँ
इक जान हैं हम एक जान
कसम तुझे है roadकी कसम
roadसे ना हट जाना रे
पहली नज़र में ...