ना हो कोई जहाँ चलें हम तुम वाहन - The Indic Lyrics Database

ना हो कोई जहाँ चलें हम तुम वाहन

गीतकार - खुमार बाराबंकवी | गायक - सुरैया, अमर | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - नाटक | वर्ष - 1947

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दो : न हो कोई जहाँ -२
चलें हम-तुम वहाँ
न हो कोई जहाँ -२
चलें हम-तुम वहाँधड़के दिल मिल-मिल के निकले अरमाँ
न हो कोई जहाँ -२
चलें हम-तुम वहाँअ : यूँही गाते रहें गुनगुनाते रहें -२
फ़ुरक़त के ग़म न सहें -२
सु : ( यूँही हम आपको याद आते रहें
मिल के ये दो दिल कहें ) -२
दो : कभी आये न अपने चमन में ख़िज़ाँ
न हो कोई जहाँ -२
चलें हम-तुम वहाँसु : कहीं अपना बना के न देना दग़ा -२
है ये दुनिया बेवफ़ा -२
अ : ( नहीं मुमकिन के तुमसे करूँ मैं जफ़ा
होंगे न हम-तुम जुदा ) -२
दो : रहे यूँ ही हमारी मोहब्बत जवाँ -२
न हो कोई जहाँ -२
चलें हम-तुम वहाँ
न हो कोई जहाँ -२
चलें हम-तुम वहाँ