अलबद्रो मुन्तख़्ःइबुल ? अब ये डोल - The Indic Lyrics Database

अलबद्रो मुन्तख़्ःइबुल ? अब ये डोल

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - लता | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - जलती निशानी | वर्ष - 1957

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चोरुस: (अलबद्रो मुन्तख़्ःइबुल ? अब ये डोल)-2
ळत: चाँद पे बादल चागया
चोरुस: ? अब ये डोल
ळत: चाँद पे बादल चागया
चोरुस: ? अब ये डोल
ळत: हलका हलका उजला उजला चाँद पे बादल चागया
चोरुस: ? अब ये डोल

ळत: हुस्ँ किसी का थण्डी आह
चोरुस: अलबद्रो
ळत: आइने में जला चराग
चोरुस: मुन्तख़्ःइबुल
ळत: हुस्ँ किसी क ठण्डी आह
आइने में जला चराग

ळत: हाय रे नज़रें बहकी बहकी
चोरुस: बहकी बहकी
ळत: हाय रे नज़रें बहकी बहकी ? शरमा गया
चागया रे चागया, चान्द पे बादल चा गया

ळत: हाय जवानी हाय शबाब
मिल न सका नज़रों को जवाब
चोरुस: मुन्तख़्ःइबुल
ळत: हाय जवानी हाय शबाब
मिल न सका नज़रों को जवाब
ओऽऽऽ शमा-ए-मुहब्बत छुपके छुपके
चोरुस: छुपके छुपके छुपके छुपके
ळत: शमा-ए-मुहब्बत छुपके छुपके
कोई जलाकर चला गया चला गया चला गया$