रहती नहीं हमेशा - The Indic Lyrics Database

रहती नहीं हमेशा

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता, सहगान | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - तीरंदाज़ | वर्ष - 1955

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रहती नहीं हमेशा, ये चाँद की जवानी
जी भर के ऐश कर ले
जी भर के ऐश कर ले
जब तक है ज़िंदगानी, जब तक ये ज़िंदगानी
आ आ आ
गुज़रे जो मस्तियों में अच्छी वही घड़ी है
वरना अजल तो कब से पीछे तेरे खड़ी है
आ आ आ
जब तक चले चला ले ये साँस की कहानी
जी भर के ऐश कर ले
जी भर के ऐश कर ले
जब तक है ज़िंदगानी, जब तक ये ज़िंदगानी
आ आ आ
ये ख़ाब है सुनहरा, रँगीन है ये धोका
मत छोड़ ज़िंदगी का कोई हसीन मौका
आयेगा हाथ फिर ना, बहता हुआ ये पानी
जी भर के ऐश कर ले
जी भर के ऐश कर ले
जब तक है ज़िंदगानी जब तक ये ज़िंदगानी
आ आ आ
रहती नहीं हमेशा, ये चाँद की जवानी
जी भर के ऐश कर ले
जी भर के ऐश कर ले
जब तक है ज़िंदगानी जब तक ये ज़िंदगानी
आ आ आ$