घेरता है गर अंधेरा ग़म न कर - The Indic Lyrics Database

घेरता है गर अंधेरा ग़म न कर

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - सी एच आत्मा | संगीत - नीनू मजूमदार | फ़िल्म - भाई साहेब | वर्ष - 1950

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घेरता है गर अंधेरा ग़म न कर ग़म न कर
दो घड़ी में मुस्कुरायेगी सहर तू ग़म न कर
घेरता है गर अंधेरा ग़म न कर ग़म न कर

ढल गया इक और दिन अच्छा हुआ समझो
ज़िंदगी जितनी कटी ग़म कम हुआ समझो
शुक्र कर कुछ कम हुआ ये ज़िंदगानी का सफ़र
घेरता है गर अंधेरा ग़म न कर ग़म न कर

ये सितारे जल के भी ख़ुश हैं रात के अंगारे
ये सितारे
जल के भी ख़ुश हैं रात के अंगारे
गीत ये उम्मीद का रो धो के गा रहे हैं ये बिचारे

क्या

( मन मोरे हाय तू काहे घबराये
काहे तू डरे काहे निंदिया न आये )-२
( रख दो सम्भाल के दिल की ये दौलत
आँसुओं के मोती काहे को गँवाये )-२
मन मोरे हाय
मन मोरे हाय तू काहे घबराये
काहे तू डरे काहे निंदिया न आये
मन मोरे हाय