अंखियों को अस्नान कराके, मैं दर्शन को आई - The Indic Lyrics Database

अंखियों को अस्नान कराके, मैं दर्शन को आई

गीतकार - केदार शर्मा | गायक - लता | संगीत - रोशन | फ़िल्म - रंगीन रातें | वर्ष - 1956

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अंखियों को अस्नान कराके, मैं दर्शन को आई -२
टूटे मन को, लेकर मन के, भेंट चढ़ाने आई
मैं दर्शन को आई ...

साधु ने संयास लिया और अंग भभूत रमाई -२
धूल बनी राहों की मीर, चरणन बीच समाई
मैं दर्शन को आई ...

ओ पगली के पगले प्रीतम कैसी प्रीत निभाई -२
सखियों का तो जी बहलाया हमरी हँसी उड़ाई
मैं दर्शन को आई ...

सूना मन का नगर सजाया प्रीत की ज्योत जगाई -२
इस नगरी से दूर न जैयो ओ हमरे हरजाई
मैं दर्शन को आई ...