कितनी ज़ालिम है ये दुनिया फूँक डाला घर मेरा - The Indic Lyrics Database

कितनी ज़ालिम है ये दुनिया फूँक डाला घर मेरा

गीतकार - NA | गायक - सुरैया | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - दुनिया | वर्ष - 1949

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कुछ फूल खिले अरमानों के

कुछ फूल खिले अरमानों के

पर जी भर के मुसका न सके

दिल रोरो ख़ून हुआ फिर भी

आँखों में आँसू आ न सके

कुछ फूल खिले अरमानों के

जाने ये बंधन कब छूटे

दुख की ज़ंजीरें कब टूटें

देखो क़िसमत की मजबूरी

वो आ न सके हम जा न सके

देखो क़िसमत की मजबूरी



मेरा उजड़ा है गुलशन खिल के

हाय बिछड़े हैं दो दिल मिल के

वो हमको पा कर खो बैठे

हम उनको खो कर पा न सके

कुछ फूल खिले अरमानों के

पर जी भर के मुसका न सके

कुछ फूल खिले अरमानों के