रातों की नींद छीन ली - The Indic Lyrics Database

रातों की नींद छीन ली

गीतकार - केदार शर्मा | गायक - सुरैया | संगीत - जमाल सेन | फ़िल्म - शोखियां | वर्ष - 1951

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रातों की नींद छीन ली
आँखों के इंतेज़ार ने
तारों का
तारों का दिल खिला दिया
इस दिल-ए-बेकरार ने
सहमी हुई का ???
सहमी हुई कली हँसी
कहने लगी ये खौर ??? से
जिसके लिए खिली जिया
वो ख़ौफ़ सी बहार ने
दिल पे तो नाज़ था हमें
घूँट लहू के पी गया
किस्सा-ए-ग़म सुना दिया
दीदा-ए-इश्क़ बार ??? ने
रातों की नींद छीन ली
आँखों के इंतेज़ार ने $