बदन पे सितारे लपेटे हुए - The Indic Lyrics Database

बदन पे सितारे लपेटे हुए

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - प्रिंस | वर्ष - 1969

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बदन पे सितारे लपेटे हुए
ओ जान-ए-तमन्ना किधर जा रही हो
जरा पास आओ तो चैन आ जाए
हम ही जब ना होंगे तो ऐ दिलरूबा
किसे देख कर हाए शरमाओगी
ना देखोगी फिर तुम कभी आईना
हमारे बिना रोज़ घबराओगी
है बनने सँवरने का जब ही मज़ा
कोई देखनेवाला आशिक तो हो
नही तो ये जलवे हैं बुझते दीये
कोई मिटनेवाला एक आशिक तो हो
मोहब्बत की ये इन्तेहा हो गई
के मस्ती में तुमको खुदा कह गया
ज़माना ये इन्साफ करता रहें
बुरा कह गया या भला कह गया