उई देख के अकेली मोहे - The Indic Lyrics Database

उई देख के अकेली मोहे

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - गीता दत्त, सहगान | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - बाज़ी | वर्ष - 1950

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को: (टिप टिप टिप टिप टिप टिप
टिप टिप टिप टिप टिप टिप)-२
गी: उई देख के अकेली मोहे बरखा सताए
गालों को चूमे कभी चीँटे उड़ाए रे ...

गी: चली न जाए चाल लचकूँ जैसे डाल
साड़ी भीगी चोली भीगी भीगे गोरे गाल
को: गोरे गाल गोरे गाल गोरे गोरे गाल
साड़ी भीगी चोली भीगी भीगे गोरे गाल उई ...

गी: लूटे हार सिंगार पापी जल की धार
खुली सड़क पे लुट गई लोगों मैं अलबेली नार
को: (एक अलबेली अलबेली अलबेली )-२
खुली सड़क पे लुट गई लोगों मैं अलबेली नार उई ...

गी: पाँव फिसलता जाए तन हिचकोलें खाए
ऐसे में जो हाथ पकड़ ले मन उसका हो जाए
को: (बस हो जाए हो जाए हो जाए)-२
ऐसे में जो हाथ पकड़ ले मन उसका हो जाए उई ...