अजी ओ गोकुल के ग्वाले - The Indic Lyrics Database

अजी ओ गोकुल के ग्वाले

गीतकार - केदार शर्मा | गायक - लता, गीता | संगीत - रोशन | फ़िल्म - रंगीन रातें | वर्ष - 1956

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अजी ओ गोकुल के ग्वाले
हमरो मन हरनेवाले, तुम जितने हो नटखट छलिया
हम उतने भोले भाले
अजी ओ गोकुल के ग्वाले ...

सखियों से करो बरजोरी
माखन की करो तुम चोरी
क्या बंसी ज़रा सराही
बन बैथे बन्सीवाले
अजी ओ गोकुल के ग्वाले ...

किस बात पे इतराते हो
क्यों यूं ही अकड जाते हो
हम तुम से कहीं गोरे हैं
जी हम से कहीं तुम हो काले
अजि ओ गोकुल के ग्वाले ...

राधा को रुलाया होगा
जी उसका जलाया होगा
आ बैठें हैं जो अंखियों में
यह सहमे हुए दिल के छाले
अजी ओ गोकुल के ग्वाले ...$