दिल की बात कहीं लब पे ना आ जाये - The Indic Lyrics Database

दिल की बात कहीं लब पे ना आ जाये

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - अमित कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - तेरी क़सम | वर्ष - 1982

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दिल की बात कहीं लब पे ना आ जाये
हँसते-हँसते आँख कहीं न भर आये
ओ दिल की बात कहीं लब पे ना आ जाये
हँसते-हँसते आँख कहीं न भर आये
याद रहे, याद रहे, क्या
दिल की बात कहीं लब पे ना आ जाये
हँसते-हँसते आँख कहीं न भर आये
ओ दिल की बात कहीं लब पे ना आ जाये
हँसते-हँसते आँख कहीं न भर आये( चेहरे पे चेहरा लगा लो
अपनी सूरत छुपा लो ) -२
कैसे दीवानों को कोई समझायेदिल की बात कहीं लब पे ना आ जाये
हँसते-हँसते आँख कहीं न भर आये
याद रहे, याद रहे, क्या
दिल की बात कहीं लब पे ना आ जाये
हँसते-हँसते आँख कहीं न भर आये( जब हाल दिल का सुनाना
ये बात ना भूल जाना ) -२
अपने हैं ग़म लोग परायेदिल की बात कहीं लब पे ना आ जाये
हँसते-हँसते आँख कहीं न भर आये
याद रहे, याद रहे, क्या
दिल की बात कहीं लब पे ना आ जाये
हँसते-हँसते आँख कहीं न भर आये( दिल में चुभे लाख काँटे
पतझर में भी फूल बाँटे ) -२
हमने बहारों के ही गीत गायेदिल की बात कहीं लब पे ना आ जाये
हँसते-हँसते आँख कहीं न भर आये
याद रहे, याद रहे, क्या
दिल की बात कहीं लब पे ना आ जाये
हँसते-हँसते आँख कहीं न भर आये
ओ दिल की बात कहीं लब पे ना आ जाये
हँसते-हँसते आँख कहीं न भर आये