ये हवा ये फ़िज़ा दीवानों के मयकाने हैं - The Indic Lyrics Database

ये हवा ये फ़िज़ा दीवानों के मयकाने हैं

गीतकार - गुलजार | गायक - सहगान, आशा भोंसले, येसुदास | संगीत - इलयाराजा | फ़िल्म - सदमा | वर्ष - 1983

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आ: ला ला ला ला -४
को: ला ला ला -४
आ: ( ये हवा ये फ़िज़ा
दीवानों के मयख़ाने हैं ) -२
कभी ये कभी वो कभी वो जला
ये मिटा ये गिरा और वो चला
आवारा परवाने दीवाने हैं दीवाने हैं
को: ये हवा ये फ़िज़ा
दीवानों के मयख़ाने हैंय: aalaap
हाँ मयख़ाना और ये उदासी क्यूँ
आ: ल ल
य: सागर किनारे रूह प्यासी क्यूँ
आ: ल ल ल ल
मयख़ाना महफ़िल है दीवानों की
दीवानों में ये संस्यासी क्यूँ
को: मौसम खुला है ज़रा झूम लाओ
झूले बनाओ लटे बिखराओ
आ: फिर ऐसा मौसम मिले न मिले दीवानो
को: ये हवा ये फ़िज़ा
दीवानों के मयख़ाने हैं
आ: कभी ये कभी वो कभी वो चला
ये मिटा ये गिरा और वो जला
आवारा परवाने दीवाने हैं दीवाने हैंय: त त तग
आ: त त तग
य: त त तग
आ: त त तग
य: जलने की सीने में तमन्ना है
आ: ल ल
य: शमा पे जाना और जलना है
आ: ल ल ल ल
दिल की ज़रा सी चिंगारी पर
सारी उमर का पिघलना है
को: गर साथ हो जाओ तो साथ हो कर
रहना फ़िज़ा में बड़े ख़ाब हो कर
आ: फिर ऐसा मौक़ा मिले न मिले दीवानो
य: ये हवा ये फ़िज़ा
दीवानों के मयख़ाने हैं
को: ये हवा ये फ़िज़ा
दीवानों के मयख़ाने हैं
आ: कभी ये कभी वो कभी वो जला
ये मिटा ये गिरा और वो चला
आवारा परवाने दीवाने हैं दीवाने हैं
को: ये हवा ये फ़िज़ा
दीवानों के मयख़ाने हैं
ल ल ल