कैसे ये क़ायदे हैं ज़माने में प्यार के - The Indic Lyrics Database

कैसे ये क़ायदे हैं ज़माने में प्यार के

गीतकार - सुरजीत सेठी | गायक - सुरैया | संगीत - एस मोहिंदर | फ़िल्म - निली | वर्ष - 1950

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कैसे ये क़ायदे हैं ज़माने में प्यार के
कैसे ये क़ायदे
खिलते है फूल इसके तो पहलू में ख़ार के
कैसे ये क़ायदे
छाई ख़िज़ाँ
छाई ख़िज़ाँ लब पे है जाँ
लुट गया हो मेरा जहाँ
हाय क्यूँ देखे थे दिन मैंने बहार के
कैसे ये क़ायदे हैं ज़माने में प्यार के
कैसे ये क़ायदे
रूठा करार
रूठा करार हुये आज़ाद
ग़म हैं जिगर में हो बेशुमार
हम इंतहान ले चुके परवरदिगार के
कैसे ये क़ायदे हैं ज़माने में प्यार के
कैसे ये क़ायदे