कैसे मनाएँ दीवाली - The Indic Lyrics Database

कैसे मनाएँ दीवाली

गीतकार - प्रदीप | गायक - रफी | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - पैगाम | वर्ष - 1959

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कैसे मनाएँ दीवाली हम लाला अपना तो बारह महीने दीवाला
हम तो हुए देखो ठन ठन गोपाला
अपना तो बारह महीने
दुनिया ये बाबू बड़ी बेशरम अरे करती है चंपत पराई रकम
चलतों ने कर ली है मुट्ठी गरम बिल्कुल ही उल्लू के पट्ठे हैं हम
हमारे से तो अच्छा है बनिए का साला
अपना तो बारह महीने
मर-मर के हम रोज़ मेहनत करें और यारों को देखो तिजोरी भरें
दिन-रात हम तो गुलामी करें फोकट में ये सांड चरें
बनके हमारे होंठों पे ताला
अपना तो बारह महीने
हम तो खिचड़ी ही खाते रहे अरे हलवा लफ़ंगे उड़ाते रहे
हम मुफ़्त में झाड़ू लगाते रहे गंगा में गधे नहाते रहे
दाता तेरी अक्ल को है काय झाला
अपना तो बारह महीने