गीतकार - शैलेंद्र | गायक - रफ़ी, सायरा बानो | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - अमन | वर्ष - 1967
View in Romanआज की रात ये कैसी रात कि हमको नींद नहीं आती
मेरी जाँ आओ बैठो पास कि हमको नींद नहीं आती )
आज की रात ...
हे ये आज तुम्हें क्या हो गया है
उफ़ तुम अपने दिल को समझाओ ना
मचल उठा ये दिल नादाँ बड़ा ज़िद्दी बड़ी मुश्किल
ख़ुदा को भी मना लूँ मैं मगर माने ना रूठा दिल
तुम्हीं देखो करो कोई बात कि हमको नींद नहीं आती
मेरी जाँ आओ बैठो ...
सुनो मेरी एक बात मानोगे
मानोगे ना
तुम्हें अंधेरे में नींद नहीं आती तो
तो लो मैं रोशनी किए देती हूँ
अंधेरा है तो रहने दो मुजस्सिम चाँदनी हो तुम
न जाए रोशनी तुमसे कि ऐसी रोशनी हो तुम
न सीने से हटाओ हाथ कि हमको नींद नहीं आती
मेरी जाँ आओ बैठो ...
मारूँगी हाँ