सुनो ज़रा हवाओं में ये कैसी है सदा - The Indic Lyrics Database

सुनो ज़रा हवाओं में ये कैसी है सदा

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - | संगीत - जतिन, ललित | फ़िल्म - बड़ा दिन | वर्ष - 1997

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सुनो ज़रा सुनो ज़रा हवाओं में
ये कैसी है सदा कोई तो है जो ये कह रहा है की राह में
वो मोड़ आ गया है कि जिसके आगे ना ज़मीं है न आसमां
न मंज़िलें न रास्ता
सुनो ज़रा ...यादों के ग़म ही हैं उसमें गाती हैं तनहाइयां
हाँ दिन ढल रहा है तो कितनी लम्बी हैं परछाइयां
बस एक पल में होगा धुआं है आरज़ू कि ये सदा
सुनो ज़रा ...धुंधला गए हैं सितारे फूलों को नींद आ गई
गुमसुम से हम सोचते हैं बातें अधूरी कई हुईं न पूरी
क्यूं कोई भी दास्तां किसे खबर किसे पता
सुनो ज़रा ...