आज हमको हँसाए न कोई - The Indic Lyrics Database

आज हमको हँसाए न कोई

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - कमल बरोट | संगीत - एन दत्ता | फ़िल्म - बादशाह | वर्ष - 1964

View in Roman

आज हमको हँसाए न कोई आज रोने को जी चाहता है
और भी मुस्कराए न कोई आज रोने को जी चाहता है
ये बदनाम गली मैं गुलशन की कली
इन में ग़ैर में जो शमा बन के जली
यूँ भी रुसवा हो जाए ना कोई
आज हमको हँसाए ...
दिल ही टूट गया नग़मा रूठ गया
बुलबुल क़ैद हुई गुलशन छूट गया
गीत होंठों पे आए न कोई
आज हमको हँसाए ...
अरमाँ राख हुए सपनें ख़ाक़ हुए
इक यह रूप मिला दुश्मन लाख हुए
अच्छी सूरत भी पाए न कोई
आज हमको हँसाए ...