कहाँ से आये बदरा, घुलता जाये कजरा - The Indic Lyrics Database

कहाँ से आये बदरा, घुलता जाये कजरा

गीतकार - इंदु जैनी | गायक - येसुदास - हेमंती शुक्ला | संगीत - राजकमल | फ़िल्म - चश्म-ए-बद्दूर | वर्ष - 1981

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कहाँ से आये बदरा, घुलता जाये कजरा
पलकों के सतरंगे दीपक, बन बैठे आँसू की झालर
मोती का अनमोलक हीरा, मिट्टी में जा फिसला
कहाँ से आये बदरा ...
नींद पिया के संग सिधारी, सपनों की सूखी फुलवारी
अमृत होठों तक आते ही, जैसे विष में बदला
कहाँ से आये बदरा ...
उतरे मेघ हिया पर छाये, निर्दय झोंके अगन बढ़ाये
बरसे हैं अँखियों से सावन, रोये मन है पगला
कहाँ से आये बदरा ...