दिल को तेरी तस्वीर से बहलाए हुए हैं - The Indic Lyrics Database

दिल को तेरी तस्वीर से बहलाए हुए हैं

गीतकार - शकील | गायक - सुरैया, रफी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दास्तान | वर्ष - 1950

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दिल को हाय
दिल को तेरी तस्वीर से बहलाए हुए हैं
इस घर में हम इक चाँद को चमकाए हुए हैं

अब कौन सी दौलत है जो तक़दीर से माँगे
उल्फ़त ही बड़ी चीज़ थी जो पाए हुए हैं

जब तू है ख़्यालों में तो दुनिया से हमें क्या
दुनिया को तेरी याद में ठुकराए हुए हैं

मिटकर भी न दामन तेरा हाथों से छूटेगा
हम तेरी मोहब्बत की क़सम खाए हुए हैं$