दिल को लगा के कहीं ठोकर न खाना - The Indic Lyrics Database

दिल को लगा के कहीं ठोकर न खाना

गीतकार - | गायक - मुनव्वर सुल्ताना, जहूर | संगीत - ना | फ़िल्म - बेकरार (पाकिस्तान) | वर्ष - 1950

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दिल को लगा के कहीं
दिल को लगा के कहीं ठोकर न खाना
ज़ालिम ज़माना है ये ज़ालिम ज़माना
ज़: किसको सुनाऊँ अपने ग़म का फ़साना
ज़ालिम ज़माना है ये ज़ालिम ज़माना

मु: निशाँ तक भी तेरा मिटा देगी दुनिया
बहारों से पहले जला देगी दुनिया-2
तेरे ही सामने तेरा आशियाना
ज़ालिम ज़माना है ये ज़ालिम ज़माना

ज़: ख़ुश है ज़माना मुझको नासाज़ करके
मेरी आरज़ू की दुनिया बरबाद करके-2
कहता है आहें भरना आँसू बहाना
ज़ालिम ज़माना है ये ज़ालिम ज़माना

दो: ( दो दिल मिलें तो कोई मिलने न देगा
कलियाँ तमन्नाओं की खिलने न देगा )-2
दिल में उम्मीदों की न दुनिया बसाना-2
ज़ालिम ज़माना है ये ज़ालिम ज़माना

दिल को लगा के कहीं ठोकर न खाना
ज़ालिम ज़माना है ये ज़ालिम ज़माना$