कहाँ जा रहा है तू ऐ जानेवाले - The Indic Lyrics Database

कहाँ जा रहा है तू ऐ जानेवाले

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - सीमा | वर्ष - 1955

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कहाँ जा रहा है तू ऐ जानेवाले
अंधेरा है मन का दिया तो जला ले
ये जीवन सफर एक अंधा सफर है
बहकना है मुमकिन भटकने का डर है
संभलता नहीं दिल किसीके संभाले
जो ठोकर ना खाए नहीं जीत उसकी
जो गिर के संभाल जाए है जीत उसकी
निशां मंज़िलों के ये पैरों के छालें
कभी ये भी सोचा के मंज़िल कहाँ है
बड़े से जहां में तेरा घर कहाँ है
जो बाँधे थे बंधन क्यों तोड़ डाले