दिल को लगा के भूल से दिल का निशाँ मिटा दिया - The Indic Lyrics Database

दिल को लगा के भूल से दिल का निशाँ मिटा दिया

गीतकार - अख्तर रोमानी | गायक - तलत, गीता | संगीत - मनोहर | फ़िल्म - डॉक्टर ज़ेड | वर्ष - 1959

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दिल को लगा के भूल से दिल का निशाँ मिटा दिया
तलत: हमने भरी बहार में अपना चमन जला दिया

गीता: दुनिया की हर जफ़ा सही कुछ भी मगर न कह सके
गीता: हमने वफ़ा के नाम पर जो कुछ भी था लुटा दिया
तलत: आ ऽ ऽ

तलत: शिकवा किसी से क्या करें मर्ज़ी है ये नसीब की
तलत: चाहा जिसे मिटा दिया चाहा जिसे बना दिया
तलत: दिल का निशाँ मिटा दिया
गीता: आ ऽ ऽ

गीता: ले के पलक पे चाँद को कोई करे तो क्या करे
गीता: अपना भी एक चाँद था दुनिया ने जो छुपा दिया
तलत: आ ऽ ऽ

तलत: किस को ख़बर थी प्यार में जल जल के ख़ाक होंगे हम
तलत: ख़ाक का क्या जहाँ मिली जिस को मिली उड़ा दिया
गीता: आ ऽ ऽ$