आज अन्धेरे को मिटाना - The Indic Lyrics Database

आज अन्धेरे को मिटाना

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - किशोर/आशा | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - पायल की झंकार | वर्ष - 1968

View in Roman

आज अन्धेरे को मिटाना होगा इक नया दीप जलाना होगा
आज कुछ भूली हुई यादों को अपनी पायल से जगाना होगा
ऐ मेरे सोये हुए प्यार ज़रा होश में आ
हो चुकी नींद बहुत जाग ज़रा होश में आ
ये उदासी तो ना थी तेरी आँखों में कभी
गीत गाने के हैं दिन क्यूँ उदासी है लगी
अपने होंठों पे ज़रा प्यार के गीतों को भी ला
ऐ मेरे सोये हुए ...
क्या हुई तेरी हँसी क्या हुई तेरी अदा
तेरी महफ़िल का समाँ कभी ऐसा तो न था
फिर वो ही धूम मचा फिर वो ही अन्दाज़ दिखा
ऐ मेरे सोये हुए ...
वास्ता प्यार का यूँ देख ले एक नज़र
या मुझे इतना बता मेरी मंज़िल है किधर
तेरी दुनिया है जहाँ मेरी दुनिया भी वहाँ
छोड़ कर दर ये तेरा और जाऊँ मैं कहाँ
या तो खुद होश में आ या मुझे बेहोश बना
ऐ मेरे सोये हुए ...