आज अचानक टूट गये क्यों - The Indic Lyrics Database

आज अचानक टूट गये क्यों

गीतकार - न्याय शर्मा | गायक - लता | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - किनारे किनारे | वर्ष - 1963

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आज अचानक टूट गये क्यों, मन वीना के तार
(मन वीना के तार)
घुमड़-घुमड़ कर घिर-घिर आई, दुःख की घोर घटायें
दिल कहता है मन ही मन में, घुट-घुट कर मर जायें
(अरमानों का जला बसेरा)
आँसू हैं लाचार
आँसू हैं लाचार रे
आँसू हैं लाचार
मन वीन के तार ...
लहरों में पतवार ? कर, मांझी का ? धारा
दूबी नैय्या,दूबी आशा, दूबा दूर किनारा
(किस से कहूँ मैं मेरे खेवैया ?)-2
ले चल नदिया पार
ले चल नदिया पार रे
मन वीना के तार ...