सूर्य देव जगदीप तेज जिनका जग साजे - The Indic Lyrics Database

सूर्य देव जगदीप तेज जिनका जग साजे

गीतकार - रमेश गुप्ता | गायक - फूला जी बुवा साहब | संगीत - शंकरराव व्यास | फ़िल्म - राम राज्य/लव कुश | वर्ष - 1943

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तक़दीर में लिखा है मेरी ठोकरें खाना

तक़दीर में लिखा है मेरी ठोकरें खाना

हाँ

बेदर्द ज़माना

अब कौन सुने दिल की कहानी मेरे

पोछेगा कौन आँखों का पानी मेरे

ये दिन इसी खाना बदो के प्यार किया

क्यूँ प्यार किया

मरने न दिया जीना भी दुशवार किया

आया न चार दिन भी तुम्हें प्यार निभाना

हाय प्यार निभाना

बेदर्द ज़माना

मैया ने मुझे छोड़ दिया

बाबुल ने मुख मोड़ लिया

साजन ने भी दिल तोड़ दिया

हाय

इस दर्द की मारी का रहा कौन ठिकाना

मैं किससे आज रो के सुनावूँ ये फ़साना

सुनावूँ ये फ़साना

बेदर्द ज़माना

है रात अन्धेरी मेरे दिल में है अन्धेरा

मेरे दिल में है अन्धेरा

उजड़ा हुआ है आज मेरा कल का बसेरा

हाय कल का बसेरा

भगवान4

भगवान मेरी रात का कब होगा सवेरा

कब तक तुझे मनज़ूर है यूँ मुझको रुलाना

हाय मुझको रुलाना

हाय

बेदर्द ज़माना