आई अब की साल दिवाली मुँह - The Indic Lyrics Database

आई अब की साल दिवाली मुँह

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - लता | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - हकीकत | वर्ष - 1964

View in Roman

आई अब की साल दिवाली मुँह पर अपने खून मले
आई अब की साल दिवाली
चारों तरफ़ है घोर अन्धेरा घर में कैसे दीप जले
आई अब की साल ...
बालक तरसे फुलझड़ियों को (दीपों को दीवारें
माँ की गोदी सूनी सूनी (आँगन कैसे संवारे
राह में उनकी जाओ उजालों बन में जिनकी शाम ढले
आई अब की साल ...
जिनके दम से जगमग जगमग (करती थी ये रातें
चोरी चोरी हो जाती थी (मन से मन की बातें
छोड़ चले वो घर में अमावस, ज्योती लेकर साथ चले
आई अब की साल ...
टप-टप टप-टप टपके (आँसू छलकी खाली थाली
जाने क्या क्या समझाती है (आँखों की ये लाली
शोर मचा है आग लगी है कटते है पर्वत पे गले
आई अब की साल ...