पट रखो गिरधारी - The Indic Lyrics Database

पट रखो गिरधारी

गीतकार - अजीज कश्मीरी | गायक - ज़ीनत बेगम | संगीत - पं अमरनाथ | फ़िल्म - पापी | वर्ष - 1943

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पत राखो गिरधारी
अब पत राखो गिरधारी
आन पड़ी है शरण तिहारी
एक अबला, प्रभु जी, दुखियारी
पत राखो गिरधारी ...चुपके चुपके दूर देस से
आया एक ब्यापारी
कर के झूठा प्रीत का सौदा
पूँजी ले गया सारी
पत राखो गिरधारी ...पापी मन से हँसी हँसी में
भूल हुई है भारी
प्रीत के हाथों उजड़ चुकी है
जीवन की फूलवारी
पत राखो गिरधारी ...